कभी गारा गिट्टा खेली
कभी थुचा खेली।
बचपन का दिन मेरा
जैन ठेली - ठेली।
दगड़ा का नोना
सभी स्कूल ग येन
मेरी झोली माँ वेन
पाटी कलम नी डाली।
बचपन का दिन मेरा
जैन ठेली - ठेली।
बरखा का धिड़ा हो
या तड़ - तड़ा घाम ,
सेरा पुंगड़्यौं माँ मैन
कई रीतू झेलीं
बचपन का दिन मेरा
जैन ठेली - ठेली।
घास का परोड़ा
उ म्वाल की मुलासि ,
रात व्हेई जांदी थें
घाती सारी -सारी
आज भी नी भूली
बचपन का दिन मेरा
जैन ठेली - ठेली।
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