Thursday 4 June 2015

'तुंगलों का मुल्क'

खास पट्टी पैली 'तुंगलों का मुल्क' का नाम सी विख्यात थें।
त वैका बारा मा मेरी या रचना। ……

तुंगलों का मुलुक मेरा
तुंगला हर्ची ग्येन,
पुंगडा पाटला , गोरु बाखरा
मनखि  भी नि रैन।
कूड़ों की पठाली
भि अब कूड़ों मा नि रैन
तुंगलों का मुलुक मेरा
तुंगला हर्ची ग्येन।
 ये मुलुक का भाई बंध
देशू चली ग्येन
दाना सायण , बूढ़ -बुढया
गों माँ छुटी ग्येन।
मेरु प्यारु पहाड़
रीतू सुनू व्हेई ग्ये ,
देवतों कि धरती
देबतों मा चली ग्ये। 

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